- सफलता अपितु कोई वस्तु नही यह एक यात्रा है जो जीवन पर्यन्त चलती रहती है |
- सफलता एक ऐसा मंच है जिस पर मनुष्य अपनी नित-नूतनता को बरकरार रखता है |
- सफलता एक ऐसी कुंजी है जो हमारे भीतर संसोधन की कला को विकसित करता है |
प्रस्तुत ब्लॉग के जरिये मै जन -साधारण तक अपने भावनाओं को संप्रेषित करता चाहता हूँ जिससे समाज में एक नयी धारा का प्रवाह हो सके ...मानव आज के इस अर्थ-प्रधान युग में एवं विकाश की इस अंधी दौड़ में सामाजिक-मूल्यों एवं उनके ओउचित्य को ही भुला बैठा है ....बस मै अपने कविता के माध्यम से उन सामाजिक ,सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः शुशोभित करना चाहता हूँ जिससे हमारा समाज ही नहीं अपितु समूचा भारत अपने जिस सभ्यता के लिए विश्व के भौगौलिक पटल पर अपनी छाप को बनाये हुए था वो ठीक उसी प्रकार बनी रहे!
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