- जीवन एक ऐसी धारा जिसकी बहाव स्वतः एक दिशा का निर्माण करती है ,जो स्वछंद है एवं जिस पर प्रकृति एवं काल चक्र का ही राज है |
- जीवन एक ऐसा कला मंच है जिस पर इंसान एक कठपुतली मात्र है जो परिस्थितियों के विभिन्न आयामों में क्रियान्वित एवं परिभाषित होता है,जिसकी अपनी एक स्वछंद धारा होती है जिसे जीवन धारा का नाम देतेहैं जिसका कोई किनारा नही है |
- जीवन खामोश है ,इसकी खामोशी जीवंत हो उठती है जब यह दूसरो के लिए बोलती है |
- जीवन को जीना एक कला है उस कला का विकाश करना एक विज्ञान है जो हमारे व्यक्तित्व का ठोस आधारहै जिससे हम अपने मानवीय कौशल एवं चरित्र की आन्तरिक एवं व्यवहारिक संरचना करते है |
- जीवन मुल्य हमारे जीवन का एक ऐसा अभिन्न पक्ष है जो हमारे जीवन को स्थाई व अस्थायी रूप से प्रभावित करती है जो हमारे जीवन को सार्थकता प्रदान करती है जिससे हमारे जीवन में मानवीय गरिमा का आगमन होता है |
प्रस्तुत ब्लॉग के जरिये मै जन -साधारण तक अपने भावनाओं को संप्रेषित करता चाहता हूँ जिससे समाज में एक नयी धारा का प्रवाह हो सके ...मानव आज के इस अर्थ-प्रधान युग में एवं विकाश की इस अंधी दौड़ में सामाजिक-मूल्यों एवं उनके ओउचित्य को ही भुला बैठा है ....बस मै अपने कविता के माध्यम से उन सामाजिक ,सांस्कृतिक मूल्यों को पुनः शुशोभित करना चाहता हूँ जिससे हमारा समाज ही नहीं अपितु समूचा भारत अपने जिस सभ्यता के लिए विश्व के भौगौलिक पटल पर अपनी छाप को बनाये हुए था वो ठीक उसी प्रकार बनी रहे!
गुरुवार, 11 जून 2009
२. विचार कराने योग्य-- जीवन
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें