यादों को पिघलने मत देना
वक्त को गुजरने मत देना
रातों को बितने से पहले
सपनों को टूटने मत देना
यादों को पिघलने मत देना !
हर सुबह होने से पहले
एक लम्हा बितने से पहले
एहसासों को सँजों के रखना
हर दुआ में मेरा नाम रखना
यादों को पिघलने मत देना !
तुम देना पंख मेरे सपनो को
एक आवाज़ मेरे गीतों को
चाहे कितनी भी हो रफ़्तार
एक आशियाना बनाये रखना
यादों को पिघलने मत देना !
वक्त को गुजरने मत देना
मासूमियत को खोने मत देना
हर साथ को यादगार बना देना
राहों पे पैरों के निशाँ छोड़ देना
यादों को पिघलने मत देना !
अपने खुशबू को फिज़ा में घोल देना
मै आऊंगा तेरे पैरों के निशाँ ढूंढ कर
उन हवाओं में खुद का पैगां भेज कर
उन यादों को बाहों में समेट कर ।
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