सोमवार, 25 अप्रैल 2011

आज जिस गति से हम और हमारा भारत विकास कर रहा है वह हमारे लिए पर्याप्त संतोष का विषय नहीं है

आज भी हम भारत के समग्र विकास की कामना हमारे सपनो में ही
आओ एक नए सोच का निर्माण करें पढ़ लिख कर हम गावं चलें
MBA कर के गावों में प्रबंधन की एक नयी मशाल जलाएं




" प्रबंधन पढ़े गावों में मुखिया बने " " आओ गाँव चले विकाश करें !











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