रविवार, 12 फ़रवरी 2012

हुस्न की मलिका

ए हुस्न की मलिका जवान दिलो पे यूँ न कहर बरसाया करो 
ए शोख आदाओं से हमको हर बार न तुम तड़पाया करो 
तेरे कातिल नज़रों ने जालिम सरे आम दिलों पे वार किया 
ए हुस्न की मलिका जवान दिलो पे यूँ न कहर बरसाया करो ....
ए परवानो तुम क्या जानो जलना तो तेरी फिदरत है 
ए हुस्न के दीवानों हम पर मरना तो तेरी किस्मत है 
ए हुस्न की मलिका जवान दिलो पे यूँ न कहर बरसाया करो......
इश्क की दरिया में हमको सौ बार डुबाया है हमको 
दिल नशी जवानी ने जानम मधहोश बनाया हैं हमको 
ए हुस्न की मलिका जवान दिलो पे यूँ न कहर बरसाया करो.......
ए हुस्न समां के परवानो तेरे प्यार की आदत हैं हमको
तुम प्यार करो तुम प्यार करो इठलाना मेरी आदत हैं
ए हुस्न की मलिका जवान दिलो पे यूँ न कहर बरसाया करो ...!



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